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रक्सौल की ज्योति रानी बनी अनुमंडल पदाधिकारी
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67वीं बीपीएससी की परीक्षा में ज्योति रानी ने प्राप्त की 256 रैंक,बनी एसडीएम
ज्योति रानी ने अपनी सफलता का श्रेय कठिन परिश्रम और माता-पिता के त्याग को दिया है
भास्कर दिवाकर
रक्सौल(पूर्वी चंपारण)।बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 67वीं परीक्षा में रक्सौल की बेटी ज्योति रानी ने सफलता हासिल कर एसडीएम बनकर इलाके का नाम रौशन किया है।ज्योति रानी को यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली है।ज्योति रानी 67वीं बीपीएससी की परीक्षा में 256 रैंक प्राप्त किया हैं।उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय कठिन परिश्रम और माता-पिता और गुरुजनों को दिया है।परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद जैसे ही यह सूचना मिली कि ज्योति रानी को बीपीएससी में सफलता मिली है। बधाई संदेश और बधाई देने वालों का तांता लग गया।रक्सौल के जोकियारी पंचायत के चिकनी गांव की बेटी ज्योति रानी के पिता रमाकांत दास वर्षो से पिकअप चलाते हैं और माता चिकनी गांव की आगनबाड़ी केंद्र की सेविका है।ज्योति रानी दो भाई बहनों में छोटी हैं और शुरू से ही ज्योति रानी को किताबें पढ़ना और लेख लिखना और लोगों की सहायता के लिए तत्पर रहती हैं।तभी यह तय कर लिया था कि अधिकारी बनकर को देश की सेवा करूंगी।ज्योति रानी ने मैट्रिक की पढ़ाई केएच डब्लू स्कूल रक्सौल और इंटर जीडीएस रक्सौल से की। मैट्रिक में 9.6 सीजीपीए और इंटर में 87 प्रतिशत अंक लाकर उत्तीर्ण हुई थी।उसके बाद आर्या इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी जयपुर से बीटेक की। बीटेक करने के बाद बीपीएससी की तैयारी कर रही थी।इस दौरान बीपीएससी की परीक्षा में सफलता मिली।बीपीएससी तैयारी को लेकर ज्योति रानी बताई कि बीपीएससी की परीक्षा में अच्छे अंकों से पास होने के लिए सबसे पहले तो आपका बेसिक क्लियर होना बहुत जरूरी है।एनसीईआरटी की किताबों का अध्ययन करते हुए परफेक्ट नोट्स बनाने होंगे। प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की पढ़ाई करने से ही बेहतर परिणाम संभव हैं।वहीं ज्योति रानी के पिता रमाकांत दास ने कहा कि पुत्री की सफलता से न सिर्फ परिवार बल्कि पूरा समाज गौरवान्वित हुआ है।