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लखीमपुर खीरी – ग्यारह जनपदों का भ्रमण करते हुए लखीमपुर जिले में चल रही पंकज बाबा की शाकाहार यात्रा
रिपोर्ट, फारूक अख्तर ब्यूरो प्रमुख लखीमपुर खीरी
धौरहरा (लखीमपर खीरी) 24 अक्टूबर। गुरु की महिमा सुनाते, अच्छे समाज के निर्माण का बिगुल बजाते, आत्म कल्याण का सुलभ रास्ता बताते हुये जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य पंकज जी महाराज 27 अगस्त से 108 दिवसीय शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध, आध्यात्मिक-वैचारिक जनजागरण यात्रा लेकर 11 जनपदों के भ्रमण पर निकले हुये हैं। मैनपुरी, कन्नौज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सीतापुर होते हुये वर्तमान समय में लखीमपुर जनपद के ब्लॉक-ब्लॉक में दो-दो स्थानों पर सत्संग सन्देष देते चल रहे हैं। कल सायंकाल अपने 57वें पड़ाव पर राम वाटिका मेला मैदान धौरहरा में जब महाराज जी पधारे तो बड़ी संख्या में उपस्थित स्थानीय भाई-बहनों ने कलषों, फूल-मालाओं तथा बाजे-गाजे के साथ पूरे काफिले का उल्लासपूर्ण स्वागत किया। आज सत्संग समारोह का आयोजन हुआ हमारे गुरु महाराज परम पूज्य बाबा जयगुरुदेव जी महाराज जीवात्माओं के कल्याण और अच्छे समाज के निर्माण के लिये अथक परिश्रम किया। बाबा जयगुरुदेव के उत्तराधिकारी ने कहा गुरु की महिमा अनन्त है। गुरु के बिना इस संसार की कोई विद्या नहीं सीख सकते तो गुरु के बिना भवसागर से पार कैसे जा सकते हैं? तीन लोक नौ खण्ड में गुरु से बड़ा न कोय करता करै, न कर सकै, गुरु करै सो होय। यहाँ तक कहा गया है कि गुर्रु ब्रह्मा, गुर्रु विष्णु, गुर्रु देवो महेश्वरः गुरु साक्षात् पारब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः। ऐसे समर्थ गुरु जब भाग्य से मिल जाते हैं तो हमें यह समझाते हैं कि इसी मनुष्य शरीर में प्रभु को पाने का एक दरवाजा है जिसको तीसरा तिल, ज्ञान चक्षु, शिव नेत्र कहते हैं। ऐसे भेदी गुरु ही अपनी दया करके कलयुग की साधना सुरत, शब्द योग (नाम योग) का मार्ग देकर जीवों से साधना कराके भवसागर से पार कर देते हैं। क्योंकि यह कलयुग है इसमें मानव की आयु सीमा घटकर मात्र 100 वर्ष ही रह गई, उसमें भी अशुद्ध खान-पान के कारण अल्प आयु में भी मृत्यु होने लगी है। हमारे गुरु महाराज परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने इसीलिये शाकाहार पर विशेष जोर दिया और कहा कि यदि शरीर को, परिवार को, समाज को सुखी देखना चाहते हो तो शाकाहार को अपनाना जरूरी है। शाकाहार के अभाव में ही इन्सानों का चरित्र पतन हो गया। इन्सान दुनियां के ऐशो इशरत शराबों, कबाबों में फंस गया इसी में सुख ढूढ़ने लगा। अब उसे यही होश नहीं रहा कि क्या अच्छा और क्या बुरा है? आँखों में मां, बहन, बेटी की पहचान खतम हो गई। जबकि चरित्र ही इन्सानों की सबसे बड़ी पूंजी है। इसीलिये सभी धार्मिक लोगों से, समाज सेवियों से, शुभ चिन्तकों से अपील है कि अच्छे समाज के निर्माण में अपना-अपना सहयोग प्रदान करें। लोगों को शाकाहारी-सदाचारी बनायें, शराब छुड़ायें पूज्य पंकज जी महाराज ने वर्तमान में युवा पीढ़ी को नशों की गिरफ्त में फँसते जाने पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि यह हमारे आपके सबके चिन्ता का विषय है कि इन देश के युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचायें। यही नव जवान बच्चे देश की धरोहर हैं। इसलिये हमारी आप सबसे अपील है कि यदि एक अच्छा समाज बनाना है तो इन बच्चों को नशों से बचाना है शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने में पुलिस प्रशासन का सहयोग रहा। उन्होंने आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में आयोजित होने वाले 75वें पावन वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला में आने का निमन्त्रण दिया इस अवसर पर जिला अध्यक्ष मनोहर सिंह, जिला व्यवस्थापक सियाराम यादव, ब्लाक अध्यक्ष आयोजक कनौजी लाल वर्मा, अध्यक्ष रामवाटिका धाम पं. मेलाराम, भगवती प्रसाद शुक्ला, राम नरेष, चौरसिया, मनोज त्रिवेदी तथा संस्था के पदाधिकारी व प्रबन्ध समिति के सदस्यगण भी उपस्थित रहे मीडिया प्रभारी मनोज त्रिवेदी ने बताया कि जनजागरण यात्रा अपने अगले पड़ाव के लिये ग्राम-प्रतापी बेहड़ ब्लॉक रमिया बेहड़ तह. धौरहरा के लिए प्रस्थान कर गई। जहां कल (आज) दिन में 11.30 बजे से सत्संग समारोह सुनिश्चित है।