दहेज लेना व देना दोनों अपराध है, दहेज की वजह से दो – दो परिवार हो जाते हैं बर्बाद
दहेज लेना व देना दोनों अपराध है, दहेज की वजह से दो – दो परिवार हो जाते हैं बर्बाद
गरीबों की सुनों वो तुम्हारी सुनेगा, एक पैसा दोगे सौ पैसा मिलेगा —- दहेज प्रथा पर नाट्य “धुधरु ” हिन्दी पर आधारित है
उपेंद्र कुमार की रिपोर्ट
बगहा। गरीबों की सुनों वो तुम्हारी सुनेगा, एक पैसा दोगे सौ पैसा मिलेगा —- दहेज प्रथा पर नाट्य “धुधरु ” हिन्दी पर आधारित है। दर्शकों को यह दिखाने की प्रयास किया गया है कि दहेज लेना व देना दोनों अपराध है, दहेज की वजह से दो – दो परिवार बर्बाद हो जाते हैं। यह नाटक इतिहास की प्राचीनता में वर्तमान काल की समस्या को प्रस्तुत करता है। नाट्याभिव्यति का माध्यम बना कर शाश्वत मानव जीवन का स्वरूप दिखाया गया है। युग समस्याओं का हल दिया गया है, वर्तमान के धूंधलके में एक ज्योति दिखा कर राष्ट्रीयता के साथ साथ विश्व प्रेम का संदेश नाट्य में दिया गया। इतिहास में कल्पना का संयोजन कर इतिहास को वर्तमान से जोड़ने का प्रयास नाटक के माध्यम से दर्शकों को किया गया है। रंगमंच की दृष्टि से आधुनिकता की इस दौर में सर्वोत्तम नाट्य को दर्शाते हुए नाट्य कला के प्रात्रों ने रुपांतरण कर युवा पीढ़ी व समाजसेवियों के आंखों में एक आईना दिखाया है। नाट्य कला के डायरेक्टर कृष्णा कन्हैया प्रसाद ने बताया कि आधुनिक युग व बदलती परिवेश में दहेज अभिशाप बन गया है। समाज रुपी दानवों ने दहेज के लिए निरंतर बहन, बेटी व बहुओं की हत्या की जा रही है। दहेज पर आधारित नाट्य के माध्यम से समाज को संदेश दिया गया है कि हर परिवार में बेटी है, बावजूद भी समाज के लोग सबक नहीं ले रहे हैं। नाटक में एक गरीब की बेटी का बरात दरवाजे पर आता है, दहेज में रुपये नहीं मिलने पर बरात दरवाजे से लौट जाती है। विवश हो दिल में सपना सवारें गरीब की बेटी कोठे पर जाने पर मजबूर हो जा रही है। आह, आज के समाज में लोगों में कितनी कटुता, कठोरता, मनुष्य की हदय में देवता को हटा कर दहेज रुपी राक्षस घुस गया है। सत्य घटना पर आधारित नाट्य कथा है। प्रखंड बगहा एक के इंगलिसिया पंचायत के जमदार टोला गांव में छठ पूजा के अवसर पर आयोजित श्री दूर्गे नाट्य कला परिषद बरवा जमदार टोला के नवयुवकों ने रंगमंच पर नाटक में दहेज अभिशाप बताते हुए संदेश दिया है कि समाज के लोग बहन, बेटियों व बहुओं की इज्जत व सम्मान करें। दहेज के लिए बहन बेटियों को बली नहीं चढावें। समाजसेवी मुन्ना प्रसाद ने समाज के लोगों से अपील करते हुए समाज में पनप रहे दहेज रुपी दानवों व लोभियों को आईना दिखाया है। इस दौरान नाट्य कला के राजीव रंजन पांडेय, राजा कुमार, विजय कुमार, नीजू कुमार, प्रदीप कुमार, रंगमंच के अध्यक्ष सुनील कुमार, उपाध्यक्ष डॉ उमेंश प्रसाद ने नाट्य कला के माध्यम से समाज के लोगों को जागरूक किया है। हजारों हजार की संख्या में दर्शकों ने कलाकारों की तालियां बजा कर कलाकारों की हौसला अफजाई की।