अगर आपका पैसा सहारा कम्पनी में जमा है, तो आपके लिए बुरी ख़बर, सहारा परिवार के मुखिया का निधन।
अगर आपका पैसा सहारा कम्पनी में जमा है, तो आपके लिए बुरी ख़बर, सहारा परिवार के मुखिया का निधन।

*मशहूर बिजनेसमैन सुब्रत रॉय सहारा का मुंबई में देर रात निधन हो गया। सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे और उनका इलाज मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। आज इनका पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जायेगा जहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी*
जीवन के अंतिम वर्षों में सुब्रत रॉय विवादों में रहे. उन्हें जेल तक जाना पड़ा. दरअसल, सहारा इंडिया में निवेशकों के पैसे सालों से फंसे हुए हैं. 2022 में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि सहारा इंडिया ने लाखों निवेशकों से 19400.87 करोड़ रुपये जुटाए थे. वहीं, सहारा हाउजिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) के 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये जुटाए थे. इसमें से 138.07 करोड़ रुपये ही निवेशकों को अब तक लौटाए गए हैं.
इस साल 29 मार्च को केंद्र सरकार ने कहा था कि सहारा की चार कोऑपरेटिव सोसाइटी के 10 करोड़ निवेशकों को 9 महीने के अंदर-अंदर पैसा लौटा दिया जाएगा. कुछ ही दिनों बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी सहारा मामले में एक आदेश जारी किया. कोर्ट ने सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5 हजार करोड़ रुपये केंद्रीय रजिस्ट्रार के खाते में ट्रांसफर करने और इस पैसे को सहारा ग्रुप ऑफ कॉपरेटिव सोसाइटीज के जमाकर्ताओं के बीच बांटने को कहा था.
इसी आदेश के तहत सहकारिता मंत्रालय ने सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया था. गृह मंत्री और सहाकारिता मंत्री अमित शाह ने भी 17 जुलाई को इस बारे में ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था कि सहारा की कॉपरेटिव सोसाइटी में जिन लोगों के कई सालों से रुपये फंसे हुए थे, उनके लिए कल एक खास दिन है. मोदी सरकार उन निवेशकों की जमा राशि को लौटाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है जिसके अंतर्गत “सहारा रिफंड पोर्टल” की शुरुआत होगी. इस कदम से उन सभी लोगों को राहत मिलेगी जिन्हें अपनी मेहनत की कमाई वापस आने का इंतजार है।
सुब्रत रॉय सहारा एक करिश्माई व्यक्ति थे। वो भारत के उद्योग जगत के पहले सुपर स्टार थे। एक दौर था। उनकी शोहरत का सूरज कभी अस्त नही होता था। बड़े बड़े नेता लाइन लगाकर खड़े रहते थे। बॉलीवुड के सुपर स्टार उनके घर चाय वितरण करते थे। उद्योग जगत नतमस्तक था सुब्रत रॉय के सामने। पत्रकार उन्हें सहारा प्रणाम करके गौरवान्वित महसूस करते थे। रॉय ने जिस पर भी हाथ रख दिया वो दौलत, शोहरत और ताकत की बुलंदी पर होता था। चिट फंड से लेकर एयरलाइंस तक सब धंधा किया। उनके बेटों की शादी हुई थी लखनऊ से। भारत के प्रधानमंत्री, दर्जन भर से अधिक केंद्रीय मंत्री, कितने मुख्यमंत्री, राज्यपाल और पूरा उद्योग जगत रॉय के बुलावे पर आया था। क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी मेहमानो को खाना परोसते थे। वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सभी सदस्यों को अम्बे वैली को घर गिफ्ट में दिए। बड़े क्रिकेटर उनके बच्चों की शादी हो या घरेलू आयोजन बिना सहारा श्री के पूरा नहीं होता था। सुपर स्टार महोदय तो खाना परोसते थे। बेहिसाब दौलत और बेशुमार ताकत। तब सिर्फ नाम ही काफी था। सुब्रत रॉय। लेकिन एक राजनीतिक भूल ने सुब्रत रॉय के एंपायर को लगभग धूल में मिला दिया। उनके आलोचक भी बहुत हैं जो आज भी इलजाम लगाते हैं। लेकिन वक्त बदला तो जो ताकतवर लोग रॉय के घर झाड़ू पोछा करके भी गौरव की अनुभूति करते थे उन्होंने भी पीठ दिखा दी। सुब्रत रॉय का साथ उन सबने छोड़ दिया जिन पर उन्हें बहुत भरोसा था। वो घिरते गए। जेल गए। साम्राज्य सिकुड़ता गया। कैसे तैसे जेल से निकले। कभी शान ओ शौकत का एंपायर उनके ही सामने खंडहर हो गया। किसी ने उनका साथ नहीं दिया। आज भी सेबी के पास सहारा का 25 हजार करोड़ है। लेकिन सहारा ग्रुप का पतन हो गया। वो जितने बड़े शो मैन थे आज उतनी ही खामोशी से चले गए। सर, इसीलिए कहता हूं समय न लड़ो। आजतक कोई जीत नही पाया। जीत भी नही सकता।
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