चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप हुए भाजपा में शामिल, चुनाव नहीं लड़ेंगे।
चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप हुए भाजपा में हुए शामिल,चुनाव नहीं लड़ेंगे

यूट्यूबर मनीष कश्यप बीजेपी: हाल के महीनों में चर्चा में रहे बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप भाजपा में शामिल हो गये। दिल्ली में भाजपा कार्यालय में सांसद मनोज तिवारी की उपस्थिति में मनीष कश्यप ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते वक्त मनीष कश्यप की मां भी वहां मौजूद थीं।मनीष कश्यप की कुछ दिनों से भाजपा में शामिल होने की चर्चा चल रही थी। भाजपा में शामिल होने के बाद मनीष कश्यप ने बताया कि उनकी मां की इच्छा थी कि वह भाजपा में शामिल हों। उनकी मां का कहना था कि वह भाजपा में शामिल होकर प्रधानमंत्री के विकास कार्यों की गति को आगे बढ़ायें। मनीष कश्यप ने यह भी कहा कि वह खुद भी मोदी जी के कार्य, विकास से प्रभावित रहे हैं।भाजपा की सदस्यता दिलाने के बाद सांसद मनोज तिवारी ने बताया कि जब मनीष कश्यप बुरे दौर से गुजर रहे थे तब उन्होंने और भाजपा ने उनका और उनके परिवार के साथ दिया। यूट्यूब पर एक पोस्ट को लेकर गिरफ्तार किये गये मनीष कश्यप 9 महीने जेल में रहे थे। तब मनोज तिवारी ने उनके परिवार की सहायता की।
पश्चिमी चंपारण से निर्दलीय ठोकी ताल
मनीष कश्यप खुद को बिहार का बेटा बताते हैं, जिसके चलते उन्होंने पश्चिमी चंपारण सीट पर चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था, हालांकि वो बिना किसी पार्टी सिंबल के निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने वाले थे, लेकिन अब चुनाव लड़ने के फैसले के कदम पीछे लेते हुए मनीष ने अब बीजेपी में शामिल होने का बड़ा फैसला किया है।
जानिए क्या हैं आगे का प्लान?
खबरों के अनुसार पश्चिम चंपारण सीट पर बीजेपी कैंडिडेट संजय जायसवाल को निर्दलीय चुनौती दे रहे मनीष कश्यप को भाजपा में किसी तरह की जिम्मेदारी या फिर एमएलसी का ऑफर दिए जाने की भी चर्चाएं हो रही हैं। ऐसे में मनीष बिहार में एनडीए के लिए प्रचार करेंगे।
कौन हैं मनीष कश्यप और क्यों हुई थी उनकी गिरफ्तारी
मनीष कश्यप बिहार के चर्चित यूट्यूबर हैं। उन्होंने तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ प्रताड़ना का एक वीडियो वायरल किया था। इसी वीडियों की वजह से वह बुरी तरह से फंस गये। वीडियो वायरल होने के बाद तमिलनाडु पुलिस ने उसे भ्रामक बताते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर के बाद मनीष कश्यप अंडरग्राउंड हो गये थे। तब बेतिया पुलिस जब उनके घर की कुर्की-जब्ती करनी चाही तब उन्होंने थाने में जाकर सरेंडर कर दिया था। बाद में तमिलनाडु पुलिस उन्हें साथ ले गयी जहां वह 9 महीने जेल में रहे।