बगहा के होमियो कैंसर सेवा अस्पताल में विश्व होम्योपैथिक दिवस मनाया गया, डॉ सैमुएल हैनीमेन को किया गया याद
बगहा के होमियो कैंसर सेवा अस्पताल में विश्व होम्योपैथिक दिवस मनाया गया, डॉ सैमुएल हैनीमेन को किया गया याद
होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति का नहीं होता हैं कोई साइड इफेक्ट,विभिन्न बीमारियों में होमियो दवाएं हैं करागर–डॉ. पदमभानु सिंह
भास्कर दिवाकर
बगहा।बगहा नगर के होमियो कैंसर सेवा अस्पताल श्रीनगर बगहा दो के प्रांगण में बुधवार को विश्व होम्योपैथी दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान अस्पताल के डॉक्टरों और उनके परिजनों ने होम्योपैथी के जनक डॉ क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुएल हैनीमेन को याद किया। सर्वप्रथम डॉ हैनीमैन की तस्वीर पर होमियो कैंसर सेवा अस्पताल बगहा के प्रख्यात होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ पदमभानु सिंह, डॉ. भानुप्रताप सिंह,डॉ.हरिओम सिंह और अस्पताल सहकर्मी ने फूल चढ़ाए और तस्वीर के आगे दीप जलाया।होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ.पदमभानु सिंह ने बताया की हर साल 10 अप्रैल को होम्योपैथी के जनक डॉ क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुएल हैनीमेन के जन्मदिन पर लोगो में होम्योपैथी के प्रति जागरूकता के लिए विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। डॉ. पदमभानु सिंह ने कहा कि आज होम्योपैथी विश्व की दूसरी सबसे बड़ी चिकित्सा पद्धति है। इस चिकित्सा पद्धति में कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होता है और बीमारी जड़ से पूरी तरह खत्म होती है। आज लोगों का रुझान होम्योपैथी की तरफ़ तेजी से बढ़ रहा है। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से कैंसर,बाझपन,क्रोनिक आदि विभिन्न बीमारियों का ईलाज सफल हो रहा है। संपूर्ण क्षेत्र में होम्योपैथिक की सेवाएं बहुत ही सराहनीय है।इस दौरान अस्पताल में आए मरीज और उनके अभिभावक सहित अन्य लोगों ने डॉ.पदमभानु सिंह से विभिन्न बीमारियों के ईलाज के लिए होम्योपैथी चिकित्सा के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त किये।इस दौरान होम्योपैथी चिकित्सा से गंभीर बीमारियों से ठीक हुए कई मरीजों ने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति और डॉक्टर के बारे में अपने विचार प्रकट किये। डॉ. पदमभानु सिंह द्वारा होम्योपैथिक की उपयोगिता और सहभागीता को ध्यान मे रखकर लोगों को होम्योपैथिक चिकित्सा अपनाने की बात कही। मौके पर अस्पताल के सहकर्मी,दर्जनों मरीज,अभिभावकगण अन्य लोग उपस्थित रहे।