जिंदगी एक यात्रा है बड़ी सुहानी, गर संवारो इसको तो बनेगी सुंदर कहानी। Suraj Kumar
धारा 376 डी अगर फर्जी तरीके से आप पर लगायें तो जानिए कैसे करें बचाव
जिंदगी एक यात्रा है बड़ी सुहानी,
गर संवारो इसको तो बनेगी सुंदर कहानी।
घुल मिल कर रहे इस यात्रा में अपनों के संग,
समय बड़ा नाजुक है,क्या पता कल हम न रहे आपके संग?
जीवन की इस उठा पटक में,सिर्फ हम ही हम राह गए।
जेब से चंद सिक्के गया गिरे,हम आप थे सिर्फ तुम ही तुम रह गए।
हमे तो यकीं था तुम पर खुद से भी ज्यादा,
एक तुम थे जो हमारा यकीं तोड गए ।
अब तुम्हे अपना कहें या कहें बेगाना,
लेकिन एक बात सच सच बताना ।
कि क्या जीवन मे धन ही भगवान है,
या सिर्फ धन का कोई बहाना है।
क्या – क्या सपने देखे थे हमने साथ रहने को।
लेकिन अब बचा ही क्या है आपसे कहने को।
खैर अब तो तुम चले गए न जाने कहाँ,
गर हम मिले तुमको तो नजरें,चुराना नही
साथ मे कोई और हो तो मेरे बारे में उसको बताना नही।
अब मैं भी खो जाऊंगा गुमनामी के शहर में, पैसे कमाने को।
शायद तुम फिर से मुझे ढूंढने मेरे गाँव आओ।
लेकिन मैं मिलु ही नही अपने गांव में कही।
तब ढूंढोगी मेरा फोटो तब इंटरनेट पर।
टैब शायद तुम मेरा फोटो देख सको।
बजे होंगे रात के 2-3 अचानक से नींद तुम्हारी खुल जाएगी।
देखोगी आस – पास पर जिसे ढूंढोगी उसे नही पाओगी।
जिंदगी एक यात्रा है बड़ी सुहानी,
गर संवारो इसको तो बनाई सुंदर कहानी।
स्वलिखित मौलिक रचना
बेबाक पत्रकार सूरज कुमार