01 जुलाई से लागू होने वाले नए कानून को लेकर बगहा पुलिस जिला के पुलिस पदाधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण।
01 जुलाई से लागू होने वाले नए कानून को लेकर बगहा पुलिस जिला के पुलिस पदाधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण।
नए अपराधिक कानून की पुलिस पदाधिकारियों को दी गई विस्तृत जानकारी।
नए कानूनों में डिजिटल साक्ष्य का रहेगा महत्व।
बिहार डेस्क/भास्कर दिवाकर
बगहा। आगामी 01 जुलाई से लागू हो रहे तीन नए अपराधिक कानूनों की जानकारी देने को लेकर सोमवार को पुलिस सभागार भवन बगहा – 02 में बगहा पुलिस जिले के पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम- 2023 को 1 जुलाई से लागू किया जाना है। पुलिस मुख्यालय के द्वारा तीन नये आपराधिक कानूनों पर आयोजित त्रि दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।प्रशिक्षण पुलिस अधीक्षक,बगहा सुशांत कुमार सरोज के अलावे पुलिस उपाधीक्षक (मुo), पुलिस उपाधीक्षक यातायात एवं अन्य पदाधिकारी शामिल रहें।जिसमें यह बताया गया कि कानून की धाराओं में कुछ बदलाव किए जा रहे है। कई धाराओं को हटाया गया है। जिन धाराओं की आवश्यकता है वे ही कार्य मे लाये जाएंगे। इसे लेकर बगहा पुलिस भी नए कानून को बेहतर तरीके से समझ रही है। ताकि इसे कार्य क्षेत्र में अच्छी तरह से उपयोग में लाया जाए। एसपी सुशांत कुमार सरोज ने कहा कि कानून ने कुछ बदलाव किए गए हैं। जो 1 जुलाई से लागू होंगे। इससे पूर्व ही बगहा पुलिस जिले के पुलिस पदाधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।कुछ धाराओं को नए नाम भी दिए गए हैं। कुछ अपराध सजा बढ़ाई गई है तो कुछ में कम की गई है।उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण तीन दिवसीय चलेगा।जिसमें बगहा पुलिस जिला के सभी स्तर के पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।प्रशिक्षण के दूसरे दिन यानी मंगलवार को पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।एसपी ने कहा कि नए कानून में डिजिटल साक्ष्य पर विशेष जोड़ दिया गया है।एसपी ने पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नए कानूनों को अच्छे से समझ लें। आपके लिए धाराओं को जानना बहुत जरूरी है। इसे प्राथमिकता के रूप में लें।एसपी ने बताया कि अब सीसीटीएनएस को बहुत जल्द आईसीजेएस से जोड़ दिया जाएगा। यानी पुलिस अब पूरी तरीके से डिजिटल होगी। अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप और स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जाएंगे जिससे उनके समय की भी बचत होगी।अनुसंधान करने में भी काफी सहूलियत मिलेगा साथ ही साथ अनुसंधान भी ऑनलाइन तरीके से होगा।वहीं, वादी के बयान में या पीड़ित के बयान में किसी तरह की छेड़छाड़ भी नहीं हो पाएगी।मौके पर एसडीपीओ कुमार देवेंद्र, यातयायत डीएसपी दिलीप कुमार सहित तमाम थानाध्यक्ष, पुलिस पदाधिकारी व पुलिसकर्मी मौजूद थे।