बिहार प्रदेश को प्रधानमंत्री ने एक अभूतपूर्व उपहार दिया है,जिससे निश्चय ही बिहार प्रान्त को विकसित करने के संकल्प को सिद्ध करने में मिलेगी सफलता–राज्यमंत्री सतीश चन्द्र दुबे
प्रधानमंत्री बिहार और बिहार के निवासियों के प्रति विशेष स्नेह और लगाव रखते हैं और आज के बजट में इसी तथ्य का प्रतिबिम्ब झलकता है— राज्यमंत्री सतीश चन्द्र दुबे
— बिहार प्रदेश को अबकी बार के बजट में कुल 58,900 करोड़ रूपए की अलग से राशि किया गया प्रदान
—- बजट:बिहार प्रदेश के सम्पूर्ण विकास के संकल्प को ध्यान में रखते हुए यह एक ऐतिहासिक पहल– राज्यमंत्री सतीश चन्द्र दुबे
—- बिहार प्रदेश को प्रधानमंत्री ने एक अभूतपूर्व उपहार दिया हैं। जिससे निश्चय ही बिहार प्रान्त को विकसित करने के संकल्प को सिद्ध करने में मिलेगी सफलता।
बिहार डेस्क/भास्कर
बगहा।कोयला और खान राज्य मंत्री,भारत सरकार सतीश चन्द्र दुबे ने अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अबकी बार बिहार प्रदेश को बड़ी सौगात दी है और बिहार प्रदेश के सम्पूर्ण विकास के संकल्प को ध्यान में रखते हुए यह एक ऐतिहासिक पहल है। यह बिहार प्रदेश को प्रधानमंत्री ने एक अभूतपूर्व उपहार दिया हैं। जिससे निश्चय ही बिहार प्रान्त को विकसित करने के संकल्प को सिद्ध करने में सफलता मिलेगी। यह सर्वविदित है कि प्रधानमंत्री जी बिहार और बिहार के निवासियों के प्रति विशेष स्नेह और लगाव रखते हैं और आज के बजट में इसी तथ्य का प्रतिबिम्ब झलकता है।बिहार प्रदेश को अबकी बार के बजट में कुल 58,900 करोड़ रूपए की अलग से राशि प्रदान किया गया है जो अभूतपूर्व है निश्चित ही यह बिहार के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। इसमें पथ निर्माण से सम्बन्धी कुल राशि 26,000 करोड़ रूपए, विद्युत् परियोजनाओं हेतु 21,400 करोड़ रूपए और बिहार को बाढ़ की त्रासदी से मुक्ति दिलाने के लिए कुल 11,500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने आगे बताया कि पूर्वोदय नामक योजना के अंतर्गत मानव संसाधन विकास,अवसंरचना और आर्थिक अवसरों का सृजन शामिल किया गया हैं। जिसके माध्यम से बिहार के चहुँमुखी विकास के लिए आवश्यक कदम उठाया जा रहा है।26,000 करोड़ रुपये की लागत से पहला पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, दूसरा बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे,तीसरा बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं के विकास और चौथा बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने के लिए सहायता दी जा रही है और 21,400 करोड़ रूपए की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावाट के एक नए विद्युत संयंत्र की स्थापना करना भी शामिल है। राज्यमंत्री ने बताया कि बिहार में नए हवाई अड्डों,मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद अवसंरचना का निर्माण भी किया जाएगा।बिहार ने हमेशा ही बाढ़ की विभीषिका झेली है। भारत सरकार, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और अन्य स्रोतों के माध्यम से 11,500 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और बैराजों, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं सहित 20 अन्य चालू और नई स्कीमों जैसी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने जा रही हैं।इसके अलावा कोसी से संबंधित बाढ़ उपशमन और सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण और अन्वेषण भी प्रस्तावित हैं। जैसा कि विदित है,पर्यटन का क्षेत्र अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है और पर्यटन पूरे विश्व में एक बड़े रोजगार प्रदाता सेक्टर के रूप में स्थापित हो गया है। बिहार में गया स्थित विष्णुपद मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर को विश्वस्तरीय तीर्थ स्थल और पर्यटन गंतव्यों के रूप में विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है। सरकार नालंदा और राजगीर को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने में सहायता प्रदान करेगी, डबल इंजन सरकार होने का होने का एक विशेष लाभ इस पर्यटन के क्षेत्र में भी हमारे बिहार प्रदेश को पक्के तौर पर होने जा रहा है।