देश के नम्बर एक लोकसभा क्षेत्र का मुख्य रेलवे स्टेशन बगहा उपेक्षा का शिकार
देश के नम्बर एक लोकसभा क्षेत्र का मुख्य रेलवे स्टेशन बगहा उपेक्षा का शिकार
बगहा में कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव अब तक नहीं; यात्रियों को होती शारीरिक, आर्थिक व मानसिक परेशानी
चम्पारण हमसफर एक्सप्रेस, पाटलिपुत्र-अयोध्या, दरभंगा अंत्योदय एक्सप्रेस, श्री माता वैष्णोदेवी कटरा-कामाख्या आदि ट्रेनों का बगहा में नहीं दिया गया है ठहराव
बगहा चम्पारण से होने लगा है अलग
बिहार डेस्क/भास्कर दिवाकर
बगहा रेल मंत्रालय देश में भले हीं रेल यात्रियों के सुविधा के लिए रेल परिचालन, स्टेशन निर्माण आदि का कार्य करा रहा है।लेकिन देश का नम्बर एक लोकसभा क्षेत्र 01 वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र का मुख्य शहर बगहा का रेलवे स्टेशन आज भी रेल परिचालन, ठहराव, यात्री सुविधा आदि के दृष्टिकोण से उपेक्षित सा लगता है। क्योंकि रेलवे द्वारा बगहा में कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का अब तक ठहराव नहीं दिया है।जिससे सुदूर सीमावर्ती क्षेत्र के यात्रियों को शारीरिक,आर्थिक व मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।जबकि बगहा शहर भौगोलिक, ऐतिहासिक,आध्यत्मिक,पर्यटन, क्षेत्र आदि के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। बगहा पुलिस जिला, अनुमंडल, नगर परिषद आदि से परिपूर्ण शहर है तथा इसका क्षेत्र काफी विस्तृत भी है। मालूम हो कि बगहा अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र भारत व नेपाल तथा अंतर्राज्यीय सीमा क्षेत्र बिहार व उत्तरप्रदेश सीमा क्षेत्र का प्रीतिनिधित्व करता है। यहाँ के डीएम एकेडमी विद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ठहरे थे तथा नगर के पक्की बावली स्थित जर्जर काँग्रेसी मंदिर में तत्कालीन कई स्वतंत्रता सेनानी आजादी के लिए रणनीति बनाते थे। रामायण काल से जुड़े आदि कवि महर्षि वाल्मीकि, माता सीता,लवकुश से जुड़ा आश्रय स्थल वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष, पर्यटन, त्रिवेणी संगम, गंडक बराज, वन्य क्षेत्र के लिए सड़क एवं रेल मार्ग के लिए बगहा मुख्य स्थान है। क्षेत्र विस्तार की बात करें तो एससी एसटी, उरांव, थारू जनजाति समुदाय आदि की बहुलता से युक्त गंडक पार के चार प्रखंड तथा बगहा एक व दो के वाल्मीकिनगर, हरनाटांड, सेमरा, चौतरवा, सुदूर सीमावर्ती दोन क्षेत्र रामनगर तक इसका क्षेत्र विस्तृत रुप से फैला है।स्थानीय शिक्षक सह बगहा नग रपरिषद के ब्रांड एम्बेसडर सुनिल कुमार के अनुसार यहाँ पर्यटन व राजस्व की अपार संभावना है। बावजूद इसके रेलवे का इस ओर ध्यान हीं नहीं जा सका है। इस दृष्टिकोण से विभिन्न क्षेत्रों से यात्रा हेतु बगहा महत्वपूर्ण व मुख्य रेलवे स्टेशन है फिर भी कथित रुप से रेलवे के ध्यान से ओझल एवं परिचालन, ट्रेन ठहराव, यात्री सुविधा आदि के मामलों में अन्य स्टेशन के मुकाबले बगहा उपेक्षित सा लगता है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वाल्मीकिनगर में बहुउद्देशीय भवन का निर्माण कराया जा रहा है जो सड़क या रेल मार्ग से बगहा से होकर हीं जाया जा सकता है। इसलिए भी यहाँ सभी ट्रेनों का कमर्शियल ठहराव सहित अन्य ट्रेन भी चलाई जानी चाहिए। इससे बगहा का विकास तथा रेलवे को राजस्व की प्राप्ति होगी।बगहा से जिला मुख्यालय बेतिया जाने के लिए पर्याप्त सवारी गाड़ी नहीं है।जिससे बगहा चम्पारण से अलग सा होने लगा है। पूर्व में यहाँ से हाजीपुर, मुजफ्फरपुर आदि लम्बी दुरी के लिए ट्रेन चलती थी जो अभी बंद है।स्थानीय निवासी एवं यात्री आरती देवी, निशांत कुमार राउत, पप्पू कुमार, अमर गोंड आदि ने कहा कि बगहा में चम्पारण हमसफर एक्सप्रेस, पाटलिपुत्र-अयोध्या एक्सप्रेस, कटारा-कामाख्या, अंत्योदय एक्सप्रेस आदि ट्रेन का ठहराव हीं नहीं दिया गया जिससे यात्रियों को शारीरिक, आर्थिक परेशानी होती है। कई ट्रेनों का यहाँ ठहराव नही होना, इस रुट में बगहा से और अधिक ट्रेनों का परिचालन नही देना, बगहा रेलवे स्टेशन को अन्य स्टेशन के भांति जीर्णोद्धार हेतु चयन नहीं होना आदि दुर्भाग्यपूर्ण एवं चिंता का विषय है।लोगों ने रेल परामर्श दात्री समिति के स्थानीय सदस्यगण, माननीय जनप्रतिनिधिगण से आग्रह किया है कि बगहा के विकास हेतु सरकार, रेल मंत्री, रेलवे बोर्ड, पूर्व मध्य रेलवे, मंडल रेल प्रबंधक समस्तीपुर, सोनपुर के समक्ष इन बिंदुओं को रखते हुए उन्हें यात्रियों के समस्याओं से अवगत कराते हुए उनका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराएं।