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अवैध दवा विक्रेताओ पर एक्शन लें एडीसी : विशाल

अवैध दवा विक्रेताओ पर एक्शन लें एडीसी : विशाल


सिविल सर्जन कार्यालय से संचालित औषधि कार्यालय पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार का नया और सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है– विशाल कुमार मिश्र

बिहार डेस्क/भास्कर/विशाल

बेतिया। अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश कार्य समिति सदस्य सह सामाजिक कार्यकर्ता विशाल कुमार मिश्र ने औषधि नियंत्रक के कार्यालय पर भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सिविल सर्जन को मांग पत्र सौंपा।विशाल कुमार मिश्र ने अपने आवेदन में कहा है कि सिविल सर्जन कार्यालय से संचालित औषधि कार्यालय पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार का नया और सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है।दवाओं के सही गुणवत्ता एवं देखरेख के लिए फार्मासिस्ट की भूमिका अत्यंत आवश्यक है परंतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा स्वास्थ्य विभाग द्वारा तय मानकों को ताक पर रख कर मनमाने ढंग से दवाओं की खरीद-बिक्री की जा रही है। विदित हो कि वर्तमान में सत्तर प्रतिशत निजी चिकित्सकों और निजी अस्पतालों में अवैध रूप से दवा दुकानों का संचालन किया जा रहा है। बगैर फार्मासिस्ट और लाइसेंस के दुकानों का संचालन यहां पर बड़े पैमाने पर हो रहा है। जिला मुख्यालय बेतिया में सैकड़ों ऐसे दवा विक्रेता हैं जो होलसेल की लाइसेंस लेकर अवैध रूप से फुटकर विक्रेता का काम कर रहे हैं। वही नशीली दवाओं की बिक्री भी बिना प्रिसक्रिप्शन के हो रहा है जो कि प्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य के साथ भारी खिलवाड़ है।यहां 95 प्रतिशत दवा विक्रेता रसीद नहीं देते हैं, जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है इतना ही नहीं ऐसे में दवाओं की गुणवत्ता पर भी प्रश्न उठता है, ये सारे कार्य अधिकारियों के मिलीभगत से ही संभव है। इसके अलावा यहां रिश्वत लेकर मनमाने तरीके से सभी नियमों को ताख पर रखकर फुटकर दुकानदारों को थोक विक्रेता का लाइसेंस दे दिया जा रहा है ताकि फार्मासिस्टों की अनिवार्यता समाप्त हो।वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक यहां 494 दवा दुकान बिना रजिस्टर्ड फार्मासिस्टों के अवैध तरीके से यहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सह में संचालित हो रहा है।वही 22 अगस्त 2023 से 22 अगस्त 2024 तक केवल दस दुकानों पर कार्रवाई की गई, यह संख्या बताता है कि यहां के अधिकारियों में अपने जिम्मेवारियों के प्रति कितनी निष्क्रियता है।विगत कई वर्षों से इस कार्यलय में कार्यरत कर्मचारियो का स्थांतरण नही होने से यहां भ्रष्टाचार की जड़े अब इतनी मजबूत हो चुकी है कि यहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों में कोई डर नहीं है यह बेखौफ होकर इन सारी गतिविधियों को कर रहे है।खासकर निजी चिकित्सकों के क्लिनिको एवं निजी अस्पतालों में मौजूद दवाखानों में फार्मासिस्टों की संख्या ना के बराबर है,इनमें से कई दुकानों के लाइसेंस थोक विक्रेता का है।यहां कार्यरत कर्मचारियों द्वारा बगैर तय मानकों की जांच के सीधे लाइसेंस दे दिया जाता है वही जब अवैध दवा विक्रेताओं की जब जांच होती है,तो कोई कार्यवाही नहीं की जाती। इससे जाहिर होता है की रिश्वत लेकर मामले को समाप्त कर दिया जाता है।उन्होंने सिविल सर्जन से आग्रह किया है की सभी विषयों की निष्पक्षता से जांच करा कर शीघ्र उचित कार्यवाही करें। भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार के लिए अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन लगातार प्रयासरत है।इस दौरान उन्होंने कहा कि एडीसी अवैध दवा विक्रेताओ को चिन्हित कर एक्शन लें यदि ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो सड़क से सदन तक फार्मासिस्टो की आवाज गूंजेगी।

Suraj Kumar

Chief Editor - Surya News 24 Edior - Preeti Vani & Public Power Newspaper Owner - Etion Network Private Limited President - Suraj Janhit Association Address - Deeh Deeh Unnao UP Office Address - 629,Moti Nagar Unnao

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