गंगा स्नान कर रहे जज के पति गंगा में डूबे तलाश जारी
गंगा स्नान कर रहे जज के पति गंगा में डूबे तलाश जारी
बांगरमऊ उन्नाव जज के पति गंगा में डूब गए। वह दो दोस्तों के साथ नहाने गए थे। घटना के बाद दोस्त ने चिल्लाकर गोताखोर को बुलाया। वह 10 हजार रुपए मांगने लगा। दोस्त हाथ जोड़ता रहा, लेकिन वह पैसा देने की जिद पर अड़ा रहा।कैश नहीं था, इसलिए दोस्त ने 10 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए। लेकिन, तब तक जज के पति गंगा में बह गए। पैसे ट्रांसफर हुए तो गोताखोर ने नदी में छलांग लगाई। तलाश की, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ।जो गंगा में डूबे हैं, उनका नाम आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव है। वह वाराणसी में हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। पुलिस की टीम गंगा में उनकी तलाश कर रही है।उनकी पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के पुणे में जिला जज हैं। आदित्यवर्धन सिंह के चचेरे भाई अनुपम सिंह बिहार कैडर के सीनियर आईएएस और मुख्यमंत्री सीएम नीतीश कुमार के निजी सचिव के रूप में कार्यरत हैं।आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव 45 वर्ष बांगरमऊ क्षेत्र के कबीरपुर गांव के मूल निवासी हैं। इस समय वह लखनऊ के 16/1435 इंदिरानगर में रहते हैं। शनिवार को वह मोहल्ले के ही अपने दो दोस्तों प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा के साथ कार से बांगरमऊ के नानामऊ क्षेत्र गंगा तट पर गंगा स्नान करने पहुंचे। नहाते समय अचानक वह गहरे पानी में समा गए।उनकी बहन गुड़िया आस्ट्रेलिया में हैं। वह वहां उच्च पद पर तैनात हैं। इस समय उनके पिता रमेश चंद और मां शशि प्रभा भी आस्ट्रेलिया में बेटी के पास मौजूद हैं। वह नहर विभाग में जेई पद से रिटायर हो चुके हैं। कुछ दिन पहले ही बेटी से मिलने आस्ट्रेलिया गए थे। गांव के परिजनों ने जब उन्हें घटना की सूचना दी, तो माता-पिता बिलख-बिलख कर रोने लगे। फिलहाल माता-पिता आस्ट्रेलिया से भारत आने के लिए रवाना हो चुके हैं।
परिवार के ही एक चाचा सेवानिवृत्त शिक्षक सतेंद्र सिंह के बेटे योगेंद्र सिंह नीरज पीपीएस अफसर हैं। वर्तमान में वह गोरखपुर के गुरु गोरखनाथ मंदिर सर्किल के पुलिस उपाधीक्षक हैं। घटना की सूचना मिलते ही नीरज भी गोरखपुर से घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं।घटना के समय मौके पर मौजूद प्रदीप तिवारी ने बताया- गहरे पानी में डूबते देख स्थानीय तैराक ने उन्हें बचाने के लिए 10 हजार रुपए की मांग की। मैंने रुपए ट्रांसफर भी कर दिए। लेकिन, स्थानीय तैराक ने जानबूझकर लापरवाही बरती। अगर वह चाहता, तो आदित्यवर्धन को बचाया जा सकता था। घटना की जानकारी मिलते ही बांगरमऊ विधायक श्रीकांत कटियार मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
कानपुर प्रशासन के कई वरिष्ठ अफसर भी मौके पर मौजूद हैं। युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान जारी है। प्रशासन मोटर बोट और स्थानीय गोताखोरों की मदद से उन्हें तलाश रहा है। गंगा में डूबे डिप्टी डायरेक्टर के परिजनों ने कानपुर नगर के कमिश्नर को फोन कर एनडीआरएफ की टीम भेजने की मांग की है।शैलेश कश्यप ने बताया- मेरी घाट के किनारे दुकान है। 5-6 गोताखोर मेरी दुकान में बैठे थे। यहां पर उन्होंने डूबने वाले के दोस्तों से बात की। उनके पास नकद पैसा नहीं था, इसलिए ऑनलाइन मेरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया गया। बाद में हमने पैसा वापस कर दिया। विधायक जी आए थे, वह नाराज हो रहे थे कि पैसे क्यों लिए।प्रधानपति रामसनेही कनौजिया ने बताया- डिप्टी डायरेक्टर मेरी ग्राम सभा के रहने वाले हैं ये लोग शनिवार सुबह 4 बजे लखनऊ से निकले थे। यहां साढ़े 5 बजे आ गए थे। इसके बाद तीनों गंगा स्नान नहा कर रहे थे। इसी दौरान गहरे पानी में जाने से हादसा हो गया। टीम उनकी तलाश कर रही है। अभी तक पता नहीं चल पाया है। एनडीआरएफ और लोकल गोताखोर लगे हैं। पिता ऑस्ट्रेलिया से सुबह तक पहुंचेंगे। वहीं, इनके बड़े पापा और चचेरे भाई दिल्ली से चल चुके हैं
सूर्य न्यूज़ 24 हरिओम