समृद्धि, सामंजस्य, समावेश, समाजिकरण, सशक्तिकरण एवं स्वावलम्बन के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण : सुनिल
समृद्धि, सामंजस्य, समावेश, समाजिकरण, सशक्तिकरण एवं स्वावलम्बन के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण : सुनिल
बिहार डेस्क/भास्कर/अजय
बगहा/पिपरासी।अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस लोगों को सशक्त और अधिक समावेशी समाजों के निर्माण के लिए साक्षरता के महत्व को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह दिन निरक्षरता की चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित करता है और सभी के लिए सुलभ शिक्षा की वकालत करता है। समाज को सशक्त, सुदृढ़ तथा राष्ट्र के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए शिक्षक की भूमिका सर्वोपरी है। इस संदर्भ में स्थानीय निवासी शिक्षक सुनिल कुमार ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि समाज के विकास तथा समृद्धि, सामंजस्य, समावेश, समाजिकरण, सशक्तिकरण एवं स्वावलम्बन के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है। शिक्षा, साक्षरता से हीं परिवर्तन सम्भव है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2024 का विषय है
“बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना: आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता।
मालूम हो कि शिक्षक सुनिल कुमार बेहतर शैक्षणिक माहौल के साथ बच्चों के मानसिक, बौद्धिक एवं चारित्रिक विकास को ध्यान में रखते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षण हेतु प्रयास करते हैं। इनके सामाजिक जागरूकता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण आदि के लिए डबल्यूडबल्यूएफ इंडिया, स्थानीय निकाय, अनुमंडल प्रशासन, जिलाधिकारी, गणमान्यजनों सहित अन्य राज्य के संस्थान द्वारा पूर्व में इनको सम्मानित किया गया है।प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इन्हें ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में सुझाव तथा विद्यार्थियों में परीक्षा के भय को कम करने हेतु प्रयास के लिए शुभकामना संदेश भी भेजा गया है। शिक्षक सुनिल कोरोना काल के दौरान अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ऑनलाइन पुस्तक समीक्षा में भी शामिल हो चुके हैं। इनके उपलब्धि को देखते हुए नगर परिषद बगहा द्वारा इन्हें स्वच्छता का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है।