हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने आजाद की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने आजाद की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
सूर्या न्यूज़ 24 रिपोर्टर हरिओम
उन्नाव जनपद के बदरका गांव में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की 119वीं त्रिदिवसीय जयंती समारोह बड़े उत्साह और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। उन्होंने आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उनकी देशभक्ति और बलिदान को याद किया।राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा, “चंद्रशेखर आजाद जैसे महापुरुषों ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण किया। उनकी जीवन गाथा आज भी युवाओं को प्रेरणा देती है।” उन्होंने बदरका गांव को गौरवशाली धरती बताया, जहां आजाद जैसे वीर स्वतंत्रता सेनानी ने जन्म लिया।इस अवसर पर उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने भी आजाद की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आजाद का जीवन राष्ट्र के प्रति त्याग और समर्पण की मिसाल है। “आज की पीढ़ी को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर देश की उन्नति के लिए कार्य करना चाहिए।”कार्यक्रम के आयोजक और ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेश शुक्ला, उन्नाव के विधायक आशुतोष शुक्ला और अन्य स्थानीय नेता भी समारोह में शामिल हुए। राज्यपाल को प्रतीक चिन्ह और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, स्कूल के बच्चे और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के सदस्य उपस्थित रहे।त्रिदिवसीय समारोह के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में बच्चों ने देशभक्ति गीत और नाटकों के माध्यम से आजाद के जीवन और संघर्ष को चित्रित किया। इसके अलावा, विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने आजाद के विचारों और उनके योगदान पर चर्चा की।बदरका गांव के लोगों ने इस ऐतिहासिक अवसर को उत्सव की तरह मनाया। गांव के युवा और बच्चे चंद्रशेखर आजाद के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा लेते नजर आए। आयोजन स्थल पर प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें आजाद के जीवन से जुड़ी वस्तुएं और उनके योगदान को प्रदर्शित किया गया।इस जयंती समारोह ने न केवल शहीद चंद्रशेखर आजाद की स्मृतियों को जीवंत किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को उनकी प्रेरणा से जोड़ने का प्रयास किया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि ऐसे आयोजन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान और उनके योगदान को याद करने का अवसर देते हैं।