शाश्वत यौगिक खेती: राजस्थान के पहले मॉडल का शुभारंभ*

चौचू से पत्रकार मोहम्मद उस्मान
शाश्वत यौगिक खेती: राजस्थान के पहले मॉडल का शुभारंभ
खेती में जहरीले कीटनाशकों के बढ़ते उपयोग और स्वास्थ्य पर इसके प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए, प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर खेती को एक नई दिशा देने के उद्देश्य से शाश्वत यौगिक खेती का एक अभिनव प्रारूप प्रस्तुत किया जा रहा है। यह मॉडल *योग के प्रकंपनों और गौ-आधारित बहुस्तरीय खेती तकनीक (मल्टिलेयर क्रॉपिंग)* पर आधारित है।
इस अद्वितीय पहल का शुभारंभ 28 जनवरी 2025 को ग्राम पंचायत जाहोता में किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर कई विशिष्ट अतिथियों के सानिध्य में क्षेत्र के लगभग 2000 किसान इस कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाएंगे।
मुख्य पहल और उद्देश्य
1. शाश्वत यौगिक खेती का मॉडल:
• इस मॉडल में योग और गौ-आधारित खेती के माध्यम से फसलों का उत्पादन किया जाएगा।
• यह तकनीक पर्यावरण के साथ तालमेल बिठाते हुए स्वस्थ, टिकाऊ और विषमुक्त खेती को प्रोत्साहित करती है।
2. ‘राज़ऋषि दीदी की रसोई’ का शुभारंभ:
• स्वयं सहायता समूह की बहनों द्वारा तैयार किया गया यह भोजन प्राकृतिक और जैविक उत्पादों पर आधारित होगा।
• यह रसोई भोजन की शुद्धता और गुणवत्ता का प्रतीक बनेगी।
3. पोषण वाटिका (Nutrition Garden):
• ग्रामीण क्षेत्र की 250 महिलाओं को पोषण वाटिका स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण दिया जाएगा।
• यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके परिवारों के पोषण स्तर को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
• इस योजना में विभिन्न संस्थानों का सहयोग प्राप्त होगा।
प्रभाव और महत्व
• यह मॉडल किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर प्राकृतिक और टिकाऊ खेती के नए आयाम सिखाएगा।
• महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाते हुए उन्हें सामाजिक उत्थान में योगदान देने का अवसर मिलेगा।
• जैविक उत्पादों के बढ़ते उपयोग से समुदाय का स्वास्थ्य बेहतर होगा और पर्यावरण को भी संरक्षित किया जा सकेगा।
*इस पहल से न केवल क्षेत्रीय किसान और महिलाएं सशक्त होंगी, बल्कि यह मॉडल राजस्थान और अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।*