तेंदुआ का हुआ सफल रेस्क्यू
रातभर कंटीले तारों में फंसा रहा तेंदुआ, तेंदुआ के दहाड़ से दहशत में रहे स्थानीय लोग।
बगहा के पिपरा गांव में कंटीले तार में फंसे तेंदुआ का वन विभाग ने किया सफ़ल रेस्क्यू, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस।
रातभर कंटीले तारों में फंसा रहा तेंदुआ, तेंदुआ के दहाड़ से दहशत में रहे स्थानीय लोग।
बिहार डेस्क/बगहा।बगहा के नरवल बरवल के नजदीक पिपरा गांव से होकर गुजरने वाली रेलवे लाइन पर निर्माणाधीन 347 नंबर पुल के पास खेतों में शनिवार की सुबह एक तेंदुआ कंटीले तारों में फंसा हुआ मिला, जिसकी सूचना गांव में फैलते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। पिपरा गांव के ही पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव (जिन्होंने 10 लाख वृक्ष लगाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री और राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जा चुका है) ने वन विभाग और मीडिया कर्मियों को इसकी सूचना दी। तत्पश्चात स्थानीय पुलिस,मीडिया और वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची।जहां पर वन विभाग के वेटरनरी डॉक्टर संजीव रंजन ने अपने अनुभव और कुशलता से डार्ट गन से बेहोशी की दवा देकर तेंदुआ को बेहोश कर दिया, इसके बाद रेंजर सुनील कुमार के नेतृत्व में वन कर्मियों ने जाल में तेंदुए को काबू कर लोहे के पिंजरे में बंद किया और फिर तुरंत ही डॉक्टर संजीव रंजन ने दवा देकर तेंदुआ को होश में लाकर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की। रेंजर सुनील कुमार ने मीडिया को बताया कि कटीले तार में उलझने के कारण तेंदुए का एक पैर थोड़ा सा जख्मी हो गया है जिसका अब उपचार किया जाएगा और स्वस्थ होते ही डॉक्टर के निर्देशानुसार उसे सुरक्षित वन में छोड़ दिया जाएगा।स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि रातभर कंटीले तारों में तेदुंआ फंसा हुआ था और दहाड़ रहा था। दहाड़ने से रात बीतने तक ग्रामीणों में भय का महौल हो गया था।