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केरल में दलित बालिका से साथ 62 लोगों ने किया यौन शोषण।

समाज मे बेटी बनकर पैदा होना ही एक अपराध है और उसमें यदि बेटी दलित के घर की हो तो उसकी जिंदगी अभिशाप है।

केरल में दलित बालिका से साथ 62 लोगों ने किया यौन शोषण।

कहाँ गयी मोदी सरकार की अपराध नियंत्रण की बातें।

समाज मे बेटी बनकर पैदा होना ही एक अपराध है और उसमें यदि बेटी दलित के घर की हो तो उसकी जिंदगी अभिशाप है।

क्या दलित की बेटी देश की बेटी नही होती,यदि हाँ तो फिर क्यों संसद में यह मुद्दा नही गूंज रहा।

क्यों सभी मीडया संस्थान चुप्पी साधे हुए है?

 


हाल ही में केरल की 18 वर्षीया एथलीट बालिका के साथ दरिंदगी का ऐसा घिनौना मामला सामने आया है जिसने इंसानी चेहरे के पीछे छिपे पाशविक दरिंदों के चेहरों को बेनकाब कर दिया है। यह घटना दर्शाती है कि आज भी इस समाज में बेटी बनकर पैदा होना अपराध है। और हमारे समाज में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारों की हकीकत क्या है? एक खिलाड़ी लड़की की अस्मत से खेलने में कितने भेड़ियों ने हाथ आजमाए? इस पीड़िता एथलीट द्वारा केरल के इलावुमथिट्टा में 62 लोगों पर लगाए गए यौन शोषण के आरोप ने पूरे देश का दहला दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और 44 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। चौंकाने वाली जानकारी से पता चला है कि लड़की, जो उस समय नाबालिग थी, के साथ दुर्व्यवहार की शुरुआत उसके बचपन के दोस्त ने ही की थी।
इस बेहद शर्मनाक मामले की रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार किए गए 58 लोगों में से 44 लोग उसी दलित बस्ती से थे, जहां पीड़िता रहती थी शेष आस-पास के इलाकों से थे। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत चार पुलिस स्टेशनों में 29 अलग-अलग मामले दर्ज किए गए है।
इस दुर्व्यवहार मामले के बारे में बताया गया है कि सबसे पहले गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक सुबिन था – जिसने कथित तौर पर दुर्व्यवहार की शुरुआत की थी जब पीड़िता केवल 13 वर्ष की थी। बताया गया है कि सुबिन पीड़िता के बचपन का दोस्त था और उनके घर पास में ही थे। सुबिन ने कथित तौर पर पीड़िता का यौन शोषण किया और उसकी तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड किए, जिसका इस्तेमाल उसने पीड़िता को अपने दोस्त के साथ संबंध बनाने के लिए धमकाते हुए किया। इसके बाद सुबिन ने कथित तौर पर दो और लोगों को बुलाया, जिन्होंने किशोरी का और शोषण किया। सिलसिला अगले कुछ सालों तक जारी रहा, क्योंकि पीड़िता की तस्वीरें पुरुषों और नाबालिग लड़कों के अलग-अलग समूहों में फैल गईं। गिरफ्तार किए गए लोगों में स्कूल के उसके सहपाठी भी शामिल थे। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में ड्राइवर, दिहाड़ी मजदूर और आस-पास के घरों के ज़्यादातर पुरुष शामिल हैं जिनमें से कुछ तो शादीशुदा भी थे।

*सामूहिक बलात्कार भी*
आगे की जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों में चार नाबालिग हैं और दो अन्य अपराध के समय नाबालिग थे। उनमें से कई ने इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए उससे संपर्क किया। पीड़िता ने यह भी बताया कि कई बार इस दुर्व्यवहार में कई पुरुष शामिल थे। बाद में सामूहिक बलात्कार के लिए एफआईआर दर्ज की गई।
पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि आरोपियों में से एक इलावुमथिट्टा से 100 किलोमीटर से अधिक दूर तिरुवनंतपुरम का निवासी है, जबकि दो अन्य अब देश से बाहर हैं। इस बीच, बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) और पुलिस मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि पीड़िता को आवश्यक सहायता और सुरक्षा दी जाए।
बेहद शर्मसार करने वाला यह मामला दिसंबर में तब सामने आया जब पीड़िता ने अपने कॉलेज में स्नेहिता द्वारा जागरूकता अभियान के बाद अपने अनुभव का खुलासा किया। स्नेहिता राज्य सरकार द्वारा संचालित महिला सशक्तिकरण नेटवर्क कुदुम्बश्री की एक पहल है। कथित तौर पर, पीड़िता ने सबसे पहले उस संस्थान की एक शिक्षिका से बात की, जहां वह पढ़ती है। फिर शिक्षिका ने स्नेहिता में एक परामर्शदाता के पास उसका मामला उठाया, जिसने फिर बाल कल्याण समिति को सूचित किया।
पथनमथिट्टा में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, अधिवक्ता एन राजीव के अनुसार समाज में बदनामी और पीड़ित बच्ची के भविष्य की चिंता में पहले तो पीड़िता की मां परेशान थी और उसे आगे की काउंसलिंग के लिए केंद्र में जाने देने के लिए अनिच्छुक थी क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि उसके पिता को इस बारे में पता चले।
पुलिस के अनुसार, अब तक की जांच में सामने आया है कि पथनमथिट्टा के एक निजी बस स्टैंड पर कई आरोपियों ने लड़की से मुलाकात की थी। इसके बाद उसे वाहनों में अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया और उसका उत्पीड़न किया गया। जांच में यह भी पाया गया कि पिछले साल जब लड़की 12वीं कक्षा में पढ़ रही थी, तो इंस्टाग्राम के जरिए जानने वाला एक युवक उसे रन्नी स्थित रबर के एक बागान में ले गया, जहां उसने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर लड़की से दुष्कर्म किया।

केडब्ल्यूसी की विज्ञप्ति में बताया गया है कि मिली शिकायत के अनुसार एथलीट लड़की का 62 लोगों ने यौन उत्पीड़न किया। 13 साल की उम्र से ही उसके साथ दुष्कर्म किया जा रहा था। यह भी पाया गया कि स्कूल और खेल प्रशिक्षण शिविर में भी उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया।’ पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘प्रारंभिक जांच से पता चला कि स्कूल स्तर के एथलेटिक प्रशिक्षण में भाग लेने वाली लड़की के साथ खेल प्रशिक्षकों, साथी एथलीटों और अन्य लोगों ने दुर्व्यवहार किया।’ सूत्रों ने बताया कि जांच अब दुर्व्यवहार में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने पर केंद्रित है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस नई प्राथमिकियों और गिरफ्तारियों का ब्योरा पत्तनमथिट्टा बाल कल्याण समिति को सौंपेगी। पीड़िता के बयान के अनुसार, 13 साल की उम्र में उसके पड़ोसी ने पहली बार उससे दुष्कर्म किया था, जिसके बाद 62 लोगों ने उसका यौन उत्पीड़न किया।
पुलिस के मुताबिक जांच से पता चला है कि उसके साथ कम से कम पांच बार सामूहिक दुष्कर्म किया गया, जिसमें कार के अंदर और जनवरी 2024 में पथनमथिट्टा जनरल अस्पताल में हुई घटनाएं भी शामिल हैं। जांच के लिए जिला पुलिस प्रमुख वी.जी. विनोद कुमार की निगरानी में पथनमथिट्टा के पुलिस उपाधीक्षक पी.एस. नंदकुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग रखी हालांकि अभी भी कई आरोपित फरार है । आयोग ने अधिकारियों से न्याय दिलाने के लिए निष्पक्ष व समयबद्ध जांच सुनिश्चित करने को कहा है। केरल महिला आयोग ने स्वत: मामला दर्ज किया और आयोग की अध्यक्ष पी.सती देवी ने पत्तनमथिट्टा के पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। यह मामला बाल कल्याण समिति की ओर से आयोजित परामर्श के दौरान सामने आया, जब एक शैक्षणिक संस्थान में पीड़िता के शिक्षकों ने समिति को उसके व्यवहार में आए महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में बताया। इसके बाद समिति ने पुलिस को सूचित किया और जांच करने के लिए पत्तनमथिट्टा के पुलिस उपाधीक्षक की अध्यक्षता में विशेष जांच दल का गठन किया गया।
यह मामला समाज का एक ऐसा विद्रूप और घिनौना चेहरा सामने लाया है जिसकी कल्पना से ही दिल दिमाग सिहर उठता है। वहीं खेल के पीछे चलने वाले घिनौने खेल की हकीकत को भी बयान करता है। पूर्व में भी राष्ट्रीय स्तर की एक खिलाड़ी ने एक सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर यौन शोषण के इल्ज़ाम लगाए थे और यह मामला बेहद चर्चित रहा था।
प्रश्न यही है कि जागरूकता और प्रगतिशीलता का दम भरने वाले हमारे समाज में बच्चियों की सुरक्षा का भी इंतजाम नहीं है? यदि ऐसा है तो यह बेहद चिंता का विषय है और एक स्वस्थ समाज की अवधारणा के विपरीत है। कब तक बच्चियां दरिंदगी का शिकार बनती रहेंगी? प्रशासन और समाज बेटी बचाओ और नारी सशक्तिकरण के नारों को हकीकत का अमली जामा कब पहनाएंगे?

एक अपील –

सूर्या न्यूज़ सभी दर्शकों से अपील करता है कि वह अपनी बेटियों को शिक्षा के साथ साथ अपनी सुरक्षा करने के गुण भी सिखाइये क्योंकि समाज मे दरिंदे खुलेआम घूम रहे है यदि हमारी बेटियां शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत होंगी तो वह ऐसे दरिंदों को मुहंतोड़ जवाब दे सकेंगी।

Suraj Kumar

Chief Editor - Surya News 24 Edior - Preeti Vani & Public Power Newspaper Owner - Etion Network Private Limited President - Suraj Janhit Association Address - Deeh Deeh Unnao UP Office Address - 629,Moti Nagar Unnao

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