पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव ने पेड़- पौधों के साथ खेली होली।
पर्यावरण प्रेमी ने पेड़ पौधों के साथ खेली होली, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश।
पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव ने आईपीएस विकास वैभव चौराहा पर धूमधाम से मनाया पेड़- पौधों के साथ होली।
पर्यावरण प्रेमी ने पेड़ पौधों के साथ खेली होली, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश।
बिहार डेस्क/बगहा। बगहा दो प्रखंड के नरवल बरवल पंचायत के पिपरा गांव के समरकोल स्थित आईपीएस विकास वैभव चौराहा के समीप लगे वृक्ष मित्रो के साथ पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव द्वारा होली मनाया गया और होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। आपको बता दें कि आईपीएस विकास वैभव चौराहा पर कई वर्षो से पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव वृक्ष मित्रों के साथ होली, दिवाली और रक्षाबंधन जैसे त्योहार मनाते रहे हैं। वे केवल बातों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि अब तक पचास लाख से अधिक पौधे लगा चुके हैं। यही वजह है कि लोग उन्हें पर्यावरण पुरुष’ और ‘पर्यावरण प्रेमी’ के नाम से जानते हैं।पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव ने शादी नहीं की और अपना पूरा जीवन पेड़-पौधों की देखभाल और संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया हैं। वे हर साल हजारों नए पौधे लगाते हैं और उनकी देखभाल खुद करते हैं। उनका मानना है कि जैसे माता-पिता अपने बच्चों की परवरिश करते हैं, ठीक वैसे ही हमें भी पेड़-पौधों की परवरिश करनी चाहिए।वही इस बार भी हर्षोल्लास से स्थानीय ग्रामीणों संग वृक्ष मित्रों के साथ होली पर्व मनाया गया।सर्वप्रथम पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव ने वृक्षों की पूजा- अर्चना की तपश्चात स्थानीय ग्रामीण लोगों के साथ वृक्ष मित्रों समेत आईपीएस विकास वैभव के तस्वीर पर अबीर- गुलाल लगाकर होली पर्व मनाया गया साथ ही पर्यावरण बचाने का संकल्प लिया। इस दौरान आईपीएस विकास वैभव चौराहा पर होली और फगुआ के गीतों की धुन पर ग्रामीण लोग थिरकते नजर आए साथ ही जोगीरा सारा रारारा…. की आवाज लगाते रहे।।इस दौरान बड़े-बुजुर्गों को अबीर-गुलाल लगाकर उनका आशीर्वाद लिया गया। होली मिलन समारोह में होली पर्व का भरपूर लुत्फ उठाया गया।पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव ने कहा कि ऋतुराज बसन्त के आगमन पर स्वागत में नव पुष्प पल्लवों से सज्जित परिधान में मधुमय मकरंद की सुगन्ध बिखेरती प्रकृति की गोद में “आईपीएस विकास वैभव चौराहा” पर सैकड़ों ग्रामीण युवा एवं बाल वृद्ध जनो ने वृक्षों के साथ होली खेलने की स्थापित परम्परा के अनुरूप अबीर ,गुलाल लगाकर वृक्षों का आलिंगन कर होली का उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर ढोल मजीरे के साथ पारम्परिक होली गीत एवं जोगीरा सररर की स्वर लहरी से गुंजायमान पंक्षियों का कलरव कोरस गान प्रकृति के साथ लोगों के आत्मीय मिलन के इस पल को जीवंत कर यह संदेश दे रहा था कि पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रकृति के साथ सहकार ही हमें इस संकट से उबारने का एक मात्र निदान है।गजेंद्र यादव ने समस्त देशवासियों को होली की हार्दिक शुभकानाएं दिए।मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता अशोक राव सहित तमाम स्थानीय ग्रामीण लोग उपस्थित रहे।