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जिलाधिकारी ने लिया विकास कार्यों का जायजा, डीडीसी बने सारथी।

जिलाधिकारी ने लिया विकास कार्यों का जायजा, डीडीसी बने सारथी।

बिना ताम-झाम के बाईक पर निकला डीएम का काफिला।

बेतिया से लेकर ठकराहां प्रखंड तक बाईक से गए जिलाधिकारी।

बिहार डेस्क (स्पेशल रिपोर्ट),बगहा।कहते हैं कि ऐतिहासिक काल में राजा-महाराजा अपनी प्रजा का हाल लेने भेष बदलकर क्षेत्र में निकलते थे, जिससे उन्हें असलियत की सटीक जानकारी मिलती थी। इसे चरितार्थ करते हुए जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय आज बिना प्रशासनिक ताम-झाम के बाईक पर क्षेत्र का जायजा लेने निकले और इस कार्य में उनके सारथी बने उप विकास आयुक्त सुमित कुमार।जिलाधिकारी द्वारा लगातार क्षेत्रों का दौरा किया जा रहा है और क्षेत्र के विकास हेतु विभागीय योजनाओं को धरातल पर उतारने हेतु कटिबद्ध हैं। साथ ही जिले के विभिन्न क्षेत्रों में क्रियान्वित विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं का लगातार औचक निरीक्षण करते हुए ससमय मानक के अनुरूप कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया जा रहा है। लापरवाही एवं गड़बड़ी करने वाले पदाधिकारियों, कर्मियों एवं संवेदकों के विरूद्ध कार्रवाई भी की जा रही है।जिलाधिकारी के द्वारा गंडक पार के चार प्रखंड पिपरासी, मधुबनी, भितहां और ठकराहां प्रखंड का भी लगतार दौरा किया गया एवं विकासात्मक योजनाओं की जानकारी लेने सहित आमजन से फिडबैक लिया जाता रहा है। विभिन्न निरीक्षणों के दौरान जिलाधिकारी को ठकराहां प्रखंड के श्रीनगर पंचायत की जानकारी मिली। बताया गया कि श्रीनगर पंचायत के कई गांव आज भी विकास से वंचित हैं। मुख्य धारा से बिल्कुल अलग है। यहां तक कि सामान्य तरीके से वहाँ नहीं पहुँचा जा सकता है। उस दिन श्रीनगर पंचायत के भ्रमण की मंशा लिए जिलाधिकारी लौटे, किंतु कतिपय प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त हो जाने के कारण दौरान नहीं हो सका। किंतु आज के दिन को श्रीनगर पंचायतवासियों के लिए स्वर्णिम दिन कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। आज जिलाधिकारी गंडक दियारा को पार करते हुए बाइक पर सवार होकर श्रीनगर पंचायत पहुंचे। वहां उन्होंने लोगों से आवास योजना, जनवितरण प्रणाली से मिलने वाले राशन की ही जानकारी नहीं ली बल्कि वहां संचालित होने वाले आंगनवाड़ी केन्द्र सं0 10 एवं उच्च विद्यालय का निरीक्षण भी किया। आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों को पढ़ते देखकर जिलाधिकारी के चेहरे पर एक संतोष का भाव दिखा। इसलिए नहीं कि बच्चे, सेविका और सहायिका उपस्थित थीं, बल्कि इसलिए कि ‘दुर्गम’ कहे जाने वाले इलाके में भी आंगनबाड़ी केन्द्र अपने नियत समय पर संचालित हो रहा है। ग्राम भ्रमण के क्रम में ग्रामीणों के द्वारा अपने बीच जिलाधिकारी को पाकर कहा कि ‘अईसन पहली बार भईल ह कि केहु डीएम ई क्षेत्र में आईल बाड़ने औरी उहो मोटरसाईकिल से।’जिलाधिकारी के द्वारा ग्रामीणों से सरकार से उनकी अपेक्षाएं पूछी। लोगों के द्वारा मूल रूप से बिजली और सड़क की समस्या बताई तथा कहा कि बाढ़ के समय चारों ओर दूर-दूर तक बस पानी ही पानी लगा रहता है, जो कई दिनों तक जमा रहता है। जब पानी सुखता है तो रेत के कारण आवागमन में भारी कठिनाई होती है। जिलाधिकारी ने उन्हें बताया कि वे इन्हीं सब समस्याओं को जानने जिला प्रशासन की टीम के साथ आए हैं, ताकि वे स्वयं समस्याओं को अपनी आंखों से देखें और उसके निराकरण हेतु हल निकालें।जिलाधिकारी ठकराहां प्रखंड कार्यालय तक गए। इस बीच रास्ते में मिलने वाले लोगों को रोक-रोक उन्होंने विभिन्न योजनाओं के बारे में फिडबैक लिया और प्रशासनिक स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर उसका निराकरण कराने का आश्वासन दिया गया। इस क्रम में निर्माणाधीन पंचायत सरकार भवन का भी निरीक्षण किया गया तथा त्वरित गति से ससमय निर्माण कार्य पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया।ठकराहां प्रखंड जाने के क्रम में जिलाधिकारी के द्वारा पीपी तटबंध के विभिन्न स्पर पर हो रहे मरम्मति कार्य का निरीक्षण किया गया तथा कार्य कर रहे मजदूरों एवं उपस्थित अभियंताओं को ससमय कटावरोधी कार्य को सम्पादित कराने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि एनसी बैग/जीओ बैग को व्यवस्थित तरीके से रखवाया जाए। किसी एक्सपर्ट के सामने रखवाया जाए। बैग्स के बीच में गैप नहीं रहे इसे सुनिश्चित करना है। किसी भी स्वरूप में बाढ़ के पूर्व मरम्मति का कार्य पूर्ण करा लिया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि विगत दिनों विस्तृत निरीक्षण के क्रम में भी ससमय कार्य को पूरा कराने का निर्देश दिया गया था, उसका अनुपालन किया जाए। कटावरोधी सामग्रियों को पर्याप्त मात्रा में स्टॉक कर लिया जाए, ताकि बाढ़/कटाव के दौरान अफरातफरी का माहौल नहीं उत्पन्न हो।जिलाधिकारी के बाईक का काफिला पीपी तटबंध से ठकराहां प्रखंड की ओर मुड़ गया। वहां जिलाधिकारी के द्वारा राजकीयकृत मध्य विद्यालय, ठकराहां के परिसर में निर्मित खेल मैदान का निरीक्षण किया गया तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी को अवलिम्ब खेल के आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने हेतु निदेशित किया गया।जिलाधिकारी के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, ठकराहां के निरीक्षण के दौरान रजिस्ट्रेशन काउंटर, दवा वितरण काउंटर, विभिन्न प्रकार के टेस्ट रूम इत्यादि का निरीक्षण किया गया तथा उपस्थित आमजन से व्यवस्थाओं के संबंध में फिडबैक लिया गया। जिलाधिकारी के द्वारा उपस्थित चिकित्सक/कर्मियों को निर्देश दिया गया कि सरकार की प्राथमिकता है कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में चलाई जा रही योजनाओं का लाभ समय पर मिले, इसे सुनिश्चित करना है। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मरीजों को समय पर दवा, भोजना इत्यादि मिले इसे सुनिश्चित करेंगे। जिलाधिकारी के द्वारा विलम्ब से उपस्थित हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निदेशित किया गया कि वर्तमान में एईएस/जेई से बचाव हेतु दो बेड आरक्षित करने का निर्देश दिया गया है, इसे सुनिश्चित करेंगे तथा सभी आवश्यक दवाओं, चिकित्सकों की ससमय व्यवस्था सुनिश्चित कर लेंगे। जिलाधिकारी के द्वारा ड्यूटी से अनुपस्थित चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियां का वेतन अवरूद्ध करते हुए स्पष्टीकरण की मांग करने का निर्देश दिया गया। साथ ही इनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई हेतु सिविल सर्जन को निदेशित किया गया। इसके बाद जिलाधिकारी के द्वारा भ्रमणशील पशुपालन चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया गया तथा आवश्यक जानकारी ली गई।ठकराहां प्रखंड के श्रीनगर जाने के दौरान जिलाधिकारी के द्वारा बेतिया अनुमंडल के बैरिया प्रखंड अंतर्गत अवस्थित पूजहां कब्रिस्तान के समीप निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान थानाध्यक्ष, बैरिया उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि विगत वर्ष में यहां भारी मात्रा में कटाव हो रहा था। कब्रिस्तान के कट जाने का भय बना हुआ था। साथ ही गांव पर भी खतरा बना हुआ था। उस दौरान अभियंता को नदी के बहाव को मुख्य धारा की ओर मोड़ने हेतु उपाय करने का निर्देश दिया गया था, किंतु उस दिशा में कोई सार्थक कार्रवाई नहीं किया गया है। जिलाधिकारी के द्वारा संभावित बाढ़ के पूर्व इस पर विशेष रूप से कार्ययोजना तैयार करते हुए कार्य करने का निर्देश दिया गया।ऊचे-नीचे पगडंडियों और दियारा बालु से भरी राह को पार करते हुए डीएम ने जब रूक-रूक कर विभिन्न योजनाओं, कार्यालयों का निरीक्षण किया, तो हर पड़ाव पर उनके भीतर छिपा एक संवेदनशील पदाधिकारी झलक रहा था। बच्चों से संवाद, शिक्षकों से सवाल, आंगनबाड़ी की व्यवस्था का मूल्यांकन, सब कुछ एक ऐसी दृष्टि के साथ, जो महज कागजों की खानापूर्ति से बहुत आगे थी। यह भ्रमण जिलाधिकारी के दूरगामी सोच और तैंतीस साल से अधिक की सेवा के अनुभव का प्रमाण था। निरीक्षण के बाद डीएम का काफिला ठकराहा बाजार की एक साधारण चाय की दुकान पर रूका, जहां उन्होंने स्वयं भुगतान किया। वहां उन्होंने अपनी टीम के एक-एक पदाधिकारी, कर्मी, परिचारी का खयाल रखा। लोगों की एक सवाल पर उन्होंने कहा कि “हमें भी इस धरती की दुकान पर बैठकर चाय पीने का हक है।“इस अवसर पर जिलाधिकारी के सारथी बने उप विकास आयुक्त सुमित कुमार के द्वारा महति भूमिका निभाई गई तथा जिलाधिकारी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उन्होंने निरीक्षण में सहयोग किया। उप विकास आयुक्त के द्वारा सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं की जानकारी सुलभ कराई गई।बताते चलें कि जिलाधिकारी के कार्यकाल को दो वर्ष पूरा हो चुके हैं। इस दौरान उन्होंने जिला के हरेक कोने, क्षेत्र की दिशा और दशा बदलने का जो कार्य किया है, वह विरले ही देखते को मिलता है। इसी कड़ी में प्रशासनिक इतिहास में आज एक नया अध्याय ही नहीं जुड़ा है बल्कि उन लोगों के लिए जिन्हें अब तक ‘दुर्गम’ कहकर योजनाओं से दूर रखा गया, के बीच एक नई उम्मीद की किरण भी जगी है। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त,सुमित कुमार, नुमंडल पदाधिकारी, बेतिया सदर, विनोद कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी, जिला गोपनीय शाखा, सुजीत कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, मनीष कुमार सिंह, डायरेक्टर, एनईपी अमीत पाण्डेय सहित स्थानीय पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

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