होमियोपैथी मे भी विशेषज्ञ होने से मिलेगी गति ": डॉ पदम् भानु सिंह ने उठाई अंतराष्ट्रीय मंच से सुझाव।
जर्मनी होम्योपैथिक का पिता है तो आज के परिपेक्ष मे भारत होम्योपैथिक की माता।
भारतीय होम्योपैथी को समस्त देशों को अपनाने की जरूरत।
“होमियोपैथी मे भी विशेषज्ञ होने से मिलेगी गति “: डॉ पदम् भानु सिंह ने उठाई अंतराष्ट्रीय मंच से सुझाव।
जर्मनी मे इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड इन होमियोपैथी से सम्मानित हुए बगहा के सुप्रसिद्ध कैंसर चिकित्सक डॉ पदम् भानु सिंह।
…जर्मनी होम्योपैथिक का पिता है तो आज के परिपेक्ष मे भारत होम्योपैथिक की माता।
भारत को मिली होम्योपैथिक के क्षेत्र मे अग्रणी भूमिका निभाने की जिम्मेदारी।
भारत मे होम्योपैथिक के बढ़ते स्तर को दुनिया के लोगों ने स्वीकारा।
बिहार डेस्क/बगहा।जर्मनी के ऐतिहासिक शहर कोथेन में होम्योपैथी के जनक डॉक्टर सैमुएल हैनीमैन की जयंती के उपलक्ष्य में बर्नेट होम्योपैथी प्रा. लिमिटेड ने अंतरराष्ट्रीय होम्योपैथी सप्ताह के अवसर पर ऐतिहासिक और भव्य अंतरराष्ट्रीय होम्योपैथी शिखर सम्मेलन-3 के आयोजन में देश विदेश के जाने माने चिकित्सकों ने अपने शोध और होमियोपैथी की बढ़ती लोकप्रियता को सराहाते हुए भारत के होमियोपैथी चिकित्सकों की भूरी भूरी प्रशंसा की गई। उक्त जानकारी पश्चिमी चंपारण अंतर्गत बगहा शहर के सुप्रसिद्ध होमियोपैथी कैंसर चिकित्सक डॉक्टर पदमभानु सिंह ने दिया।उन्होंने बताया कि भारत के कैंसर के ख्यातिप्राप्त चिकित्सकों मे मुझे विश्व स्तरीय कैंसर चिकित्सक के स्वीकारोक्ति मिली। मंच से कैंसर पर शोध कार्य को प्रस्तुति के लिए डॉ नितीश दुबे द्वारा आग्रह किया गया कि जर्मनी अगर होमियोपैथिक का पिता है तो भारत होमियोपैथिक की माता के रूप मे पहचान मिली। क्योकि भारत के लोगों ने जिस तरह होमियोपैथिक को अपनाया और संरक्षण प्रदान किया है वो विश्व के किसी देश ने नही अपना सका। उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय होमियोपैथिक शिखर सम्मेलन-3 में इस बात को स्वीकार करते हुए भारतीय होमियोपैथिक को अग्रणी माना हैं।भारत के होमियोपैथिक चिकित्सकों को रोग के स्पेशलिटी ट्रीटमेंट के पद्धति को सराहाते हुए भारत को विश्व स्तर पर अग्रणी भूमिका निभाने पर जोर दिया गया।डॉ.पदम भानु सिंह ने बताया कि जर्मनी के कोथेन शहर को पारंपरिक और वैज्ञानिक होम्योपैथी का वैश्विक केंद्र माना जाता है और जो हर होम्योपैथिक चिकित्सक के लिए एक सपनों की जगह है,इस ऐतिहासिक सम्मलेन में सभी होमियोपैथिक चिकित्सक साक्षी बना।इस सम्मेलन में प्रमुख अतिथियों में डॉ. लोरी ग्रॉसमैन (अध्यक्ष, नेशनल सेंटर फॉर होम्योपैथी, अमेरिका),प्रो. रोनाल्ड मोरी (यूके),प्रो. डॉर्ली और प्रो. लियोनी (ब्राज़ील),डॉ. वेसना मारिनकोविक (सर्बिया),और डॉ. मार्टिन (नीदरलैंड) शामिल रहें।विश्व होम्योपैथी समिट-3 में साइंटिफिक सोसाइटी फॉर होम्योपैथी, कोथेन द्वारा सभी डॉक्टरों के सम्मान में एक विशेष लंच का आयोजन किया गया।सभी चिकित्सकों ने डॉ. हैनीमैन के पैतृक घर और क्लिनिक का भ्रमण किया और यूरोपीय होम्योपैथी पुस्तकालय में आयोजित शोध आधारित परिचर्चा में भाग लिया,जहाँ वैश्विक स्तर पर होम्योपैथी की दिशा और भविष्य पर चर्चा हुई।इस महासम्मेलन का एक विशेष सम्मान समारोह आकर्षण का केंद्र रहा।जिसमें 60 डॉक्टरों को होम्योपैथी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इस समारोह में विशेष रूप से उपस्थित रहे इंग्लैंड की विश्वकप विजेता क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इयोन मॉर्गन और कोथेन के सांसद बास्टियन बर्नहागेन,जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी।डॉक्टर पदम भानु सिंह ने कहा कि विश्व होमियोपैथिक शिखर सम्मेलन 3 में मुझे इंग्लैड के क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इयोन मॉर्गन द्वारा इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवॉर्ड इन होम्योपैथी विश्व स्तरीय सम्मान मिला है, यह सिर्फ मुझे नहीं बल्कि यह भारत के एक सौ चालीस करोड़ जनता को मिला है।मैं इस उपलब्धि को कभी नहीं भूल सकता।।आपको बता दें कि कैंसर चिकित्सक डॉ० पदमभानु सिंह को दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड मिलने से न केवल भारतीय चिकित्सा जगत बल्कि पूरे देश को गर्व की अनुभूति हो रही है। होम्योपैथी चिकित्सक डॉक्टर पदम् भानु सिंह की इस उपलब्धि पर वन विकास भारती के सचिव अरुण कुमार सिंह,डॉक्टर भानु प्रताप सिंह, डॉक्टर हरिओम सिंह,डॉक्टर तारिक अनवर, डॉक्टर अतुल सिंह,पूर्व मंत्री राजेश सिंह, बगहा विधायक राम सिंह,अधिवक्ता अरविंद कुमार सिंह,समाजसेवी निप्पू कुमार पाठक,जदयू नेता राकेश सिंह,शिक्षक पिंटू कुमार सुनील कुमार एवं अनिल तुलस्यान, बिना तुल्स्यान,रूपक कुमार,नारायण पाठक,रचना पाठक आदि ने बिहार सहित बगहा को गौरवान्वित करने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।